झाँसी  नगर के विशेष संदर्भ में ग्रामीण एवं शहरी छात्रों के शैक्षणिक प्रदर्शन पर माता-पिता की सामाजिक-आर्थिक स्थिति (SES) का तुलनात्मक अध्ययन

Authors

  • डॉ. प्रतिभा खरे Author

Keywords:

सामाजिक-आर्थिक स्थिति (SES), शैक्षणिक निष्पादन, ग्रामीण-शहरी विभाजन, माता-पिता की आय, शैक्षणिक पूंजी, झाँसी, बुन्देलखण्ड।

Abstract

यह शोध पत्र झाँसी और आस-पास के क्षेत्रों में स्थित माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में नामांकित ग्रामीण तथा शहरी छात्रों के शैक्षणिक निष्पादन पर माता-पिता की सामाजिक-आर्थिक स्थिति (Socio-Economic Status - SES) के प्रभाव का तुलनात्मक विश्लेषण करता है। भारत में, शिक्षा के परिणाम भौगोलिक और सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि के आधार पर असमान रहे हैं, और बुन्देलखण्ड क्षेत्र (जिसमें झाँसी स्थित है) इस विभाजन को स्पष्ट रूप से दर्शाता है। इस अध्ययन का प्राथमिक उद्देश्य यह निर्धारित करना था कि क्या शैक्षणिक निष्पादन में ग्रामीण-शहरी अंतर मौजूद है और क्या माता-पिता की SES के विभिन्न घटक (आय, शिक्षा और व्यवसाय) इन दोनों समूहों पर अलग-अलग ढंग से प्रभाव डालते हैं। इस मात्रात्मक तुलनात्मक अध्ययन में झाँसी शहर के चार शहरी विद्यालयों और तीन निकटवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यालयों से कक्षा 9वीं से 12वीं तक के 450 छात्रों (225 शहरी, 225 ग्रामीण) के प्रतिदर्श का उपयोग किया गया। आँकड़ा संकलन के लिए माता-पिता की SES को मापने वाला संरचित प्रश्नावली और छात्रों के हालिया शैक्षणिक प्राप्तांकों का उपयोग किया गया।

परिणामों ने सांख्यिकीय रूप से महत्वपूर्ण निष्कर्ष प्रदान किए: (1) शहरी छात्रों का औसत शैक्षणिक निष्पादन ग्रामीण छात्रों की तुलना में अधिक पाया गया। (2) सामाजिक-आर्थिक स्थिति दोनों ही समूहों में शैक्षणिक निष्पादन का एक सार्थक प्रक्षेपक थी। (3) तुलनात्मक समाश्रयण विश्लेषण से पता चला कि शहरी छात्रों के लिए, माता-पिता की शैक्षणिक योग्यता (शैक्षणिक पूंजी) निष्पादन का सबसे मजबूत प्रक्षेपक थी, जबकि ग्रामीण छात्रों के लिए, माता-पिता की मासिक आय (आर्थिक पूंजी) सबसे मजबूत प्रक्षेपक थी। यह परिणाम दर्शाता है कि SES का प्रभाव निवास स्थान के आधार पर नियंत्रित होता है। ये निष्कर्ष झाँसी क्षेत्र में शैक्षिक नीतियों और हस्तक्षेपों के लिए महत्वपूर्ण निहितार्थ रखते हैं, जो यह सुझाव देते हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक संसाधनों को लक्षित किया जाना चाहिए, जबकि शहरी क्षेत्रों में सांस्कृतिक पूंजी को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए।

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Author Biography

  • डॉ. प्रतिभा खरे

    सहायक  आचार्य 

    शिक्षा संस्थान, बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झाँसी

    pratibhakhare793@gmail.com

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Published

11/24/2024

How to Cite

झाँसी  नगर के विशेष संदर्भ में ग्रामीण एवं शहरी छात्रों के शैक्षणिक प्रदर्शन पर माता-पिता की सामाजिक-आर्थिक स्थिति (SES) का तुलनात्मक अध्ययन. (2024). Journal of Review in International Academic Research, 1(3), 58-65. https://www.jriar.com/index.php/jriar/article/view/30